Hukumchand Bharill

The meaning of being Dr.Hukumchand Bharill . डॉ०हुकुमचंद भारिल्ल होने के मायने

The meaning of being Dr.Hukumchand Bharill जैन जगत् में डॉ०हुकुमचंद भारिल्ल होने के मायने प्रो.डॉ० अनेकान्त कुमार जैन लगभग पिछले सात दशकों से भी अधिक समय से अपने सिद्धान्तों के साथ स्पष्टवादिता और संतुलित भाषा शैली में मूल जैन तत्त्वज्ञान को आबाल गोपाल तक के दिलोदिमाग में जमाने का नियमित रूप से कार्य कर रहे…

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jain muni

सम्यग्दृष्टि की निर्भयता Fearlessness of Samyagdrishti in the Samayasara

Samayasara: Fearlessness of Samyagdrishti in the Samayasara  सम्यग्दृष्टि की निर्भयता प्रो. अनेकांत कुमार जैन ,नई दिल्ली Samayasara Samayasara सम्यग्दृष्टि निर्भय होता है या इसे इस प्रकार भी कह सकते हैं कि जो निर्भय होता है वही सम्यग्दृष्टि होता है । Samayasara ज्ञानी को यह दृढ श्रद्धा होती है कि प्रत्येक द्रव्य स्वतंत्र है ,कोई द्रव्य किसी…

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What is the nature of Lord Mahavir’s God ?कैसा है भगवान् महावीर का भगवान् ?

What is the nature of Lord Mahavir’s God ? कैसा है भगवान् महावीर का भगवान् ? प्रो.डॉ अनेकांत कुमार जैन,नई दिल्ली Lord Mahavir’s God महावीर का ईश्वर ईसा पूर्व छठी शती में भारत के वैशाली गणराज्य के कुण्डग्राम में एक ऐसे राजकुमार ने जन्म लिया जो राज्य के शासन में तो जनतंत्र की शुरुआत कर…

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Tirthankara Mahavir

The influence of Lord Mahavir on the religion of Islam तीर्थंकर भगवान् महावीर का इस्लाम धर्म पर प्रभाव

The influence of Lord Mahavir on the religion of Islam भगवान् महावीर का इस्लाम धर्म पर प्रभाव प्रो अनेकांत कुमार जैन,नई दिल्ली तीर्थंकर भगवान् महावीर का सिद्धांत मूलतः अहिंसा, शाकाहार, समन्वय और सदाचार का हिमायती रहा है, उसकी कोशिश रही है कि सभी जीव सुख से रहें, जिओ और जीने दो- जैनधर्म का मूलमंत्र है। जैनधर्म ने…

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Tirthankar Rishabhdev

The primordial deity of Indian culture: Tirthankar Rishabhdev.भारतीय संस्कृति के आदिदेव : तीर्थंकर ऋषभदेव

The primordial deity of Indian culture: Tirthankar Rishabhdev. भारतीय संस्कृति के आदिदेव : तीर्थंकर ऋषभदेव Tirthankar Rishabhdev प्रो. अनेकान्त कुमार जैन,नई दिल्ली                    मनुष्य के अस्तित्व के लिए रोटी, कपडा, मकान जैसे पदार्थ आवश्यक हैं, किंतु उसकी आंतरिक सम्पन्नता केवल इतने से ही नहीं हो जाती। उसमें अहिंसा, सत्य, संयम, समता, साधना और तप के…

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bhagwan mahavira

तीर्थंकर भगवान् महावीर की वर्तमान दिगंबर जैन आचार्य परंपरा – Teerthanker Bhagwan Mahavira

The Present Digambar Jain Acharya tradition of Teerthanker Bhagwan Mahavira तीर्थंकर भगवान् महावीर की वर्तमान दिगंबर जैन आचार्य परंपरा                                               प्रो अनेकांत कुमार जैन,नई दिल्ली वर्तमान में दिगंबर जैन साधना पद्धति अक्षुण्ण रूप से विद्यमान है |ये बीसवीं एवं इक्कीसवीं सदी में साधना की  उत्कृष्ट तपस्या पद्धति है | वर्तमान में जो भी दिगंबर साधु भगवंत हमें दर्शन दे…

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