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तीर्थंकर भगवान् महावीर की वर्तमान दिगंबर जैन आचार्य परंपरा – Teerthanker Bhagwan Mahavira

The Present Digambar Jain Acharya tradition of Teerthanker Bhagwan Mahavira तीर्थंकर भगवान् महावीर की वर्तमान दिगंबर जैन आचार्य परंपरा                                               प्रो अनेकांत कुमार जैन,नई दिल्ली वर्तमान में दिगंबर जैन साधना पद्धति अक्षुण्ण रूप से विद्यमान है |ये बीसवीं एवं इक्कीसवीं सदी में साधना की  उत्कृष्ट तपस्या पद्धति है | वर्तमान में जो भी दिगंबर साधु भगवंत हमें दर्शन दे…

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history of ayodhya

Unknown History of Ayodhya City: प्राचीन अयोध्या का अज्ञात इतिहास 

प्राचीन अयोध्या का अज्ञात इतिहास ‘अयोध्या एक सनातन शाश्वत भूमि है ,न कभी उसकी उत्पत्ति हुई है और न ही कभी उसका नाश होता है’- यह एक प्राचीन मान्यता है,जिसके बारे में लगभग यही बातें हम अपनी दादी नानी के मुख से सुनते आ रहे हैं |हम तो वर्तमान सन्दर्भ में भी बस इस्तना ही…

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India vs Bharat

India vs Bharat: The Reality Behind the Name ‘Bharat Varsha’- ‘भारतवर्ष’ के नामकरण की वास्तविकता

india vs bharat :The Reality Behind the Name ‘Bharat Varsha’ भारतवर्ष के नामकरण की वास्तविकता –   प्रो.डॉ. अनेकान्त कुमार जैन(राष्ट्रपति सम्मानित )[1] india vs bharat :हमारी मान्यता बन चुकी है कि हमारी दृष्टि वैसी नहीं होनी चाहिए जैसा कि ‘सत्य’ है; बल्कि सत्य ही वैसा होना चाहिए जैसी कि दृष्टि है। आश्चर्य होता है कि…

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qutub minar history

An Untold Story of Qutub Minar History: कुतुबमीनार की अनकही कहानी- History of Delhi in hindi

An Untold Story of Qutub Minar History: कुतुबमीनार की अनकही कहानी The Real History of Delhi in hindi: दिल्ली का वास्तविक इतिहास प्रो डॉ.अनेकांत कुमार जैन ,नई दिल्ली S/O प्रो.फूलचंद जैन प्रेमी ,वाराणसी Truth behind History इतिहास के पीछे छुपी सच्चाई हमें ईमानदारी पूर्वक भारत के सही इतिहास की खोज करनी है तो हमें जैन…

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Varanasi history in hindi:

Varanasi history in hindi:वाराणसी की प्राचीन जैन संस्कृति एवं परम्परा

वाराणसी की प्राचीन जैन संस्कृति एवं परम्परा प्रो. फूलचन्द जैन प्रेमी, वाराणसी (राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित) Varanasi history in hindi: श्रमणधारा भारत में अत्यंत प्राचीन काल से प्रवहमान है । पुरातत्त्व, भाषा एवं साहित्य के क्षेत्रों में अन्वेषणों से यह स्पष्ट है कि  अपने देश में प्राक् वैदिक काल में जो संस्कृति थी, वह श्रमण या आर्हत्-संस्कृति…

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