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HISTORY OF DASHLAKSHAN PARVA :दशलक्षण पर्व की ऐतिहासिकता

HISTORY OF DASHLAKSHAN PARVA:दशलक्षण पर्व की ऐतिहासिकता प्रो.अनेकांत कुमार जैन* HISTORY OF DASHLAKSHAN PARVA प्राय: प्रत्येक पर्व का संबंध किसी न किसी घटना, किसी की जयंती या मुक्ति दिवस से होता है। दशलक्षणमहापर्व का संबंध इनमें से किसी से भी नहीं है क्योंकि यह स्वयं की आत्मा की आराधना का पर्व है।दशलक्षण पर्व आत्मा (अंतस)…

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Jain Rakshabandhan:धर्म की रक्षा से भी जुड़ा है रक्षाबंधन

Jain Rakshabandhan:धर्म की रक्षा से भी जुड़ा है रक्षाबंधन डा. अनेकान्त कुमार जैन Jain Rakshabandhan रक्षा शब्द सुनते ही कई बातें सामने आने लगती हैं. राष्ट्र और धर्म की रक्षा ,जीवों की रक्षा ,समाज और परिवार की रक्षा,भाषा और संस्कृति की रक्षा  आदि आदि . रक्षाबंधन पर्व भारतीय संस्कृति का एक प्रमुख पर्व है। आम तौर पर भाई के द्वारा बहन की रक्षा और इसके लिए बहन के…

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An Untold Story Of August Kranti:स्याद्वाद का स्वतंत्रता संग्राम

An Untold Story Of August Kranti:स्याद्वाद का स्वतंत्रता संग्राम प्रो अनेकांत कुमार जैन Prof Anekant Kumar Jain An untold story of August Kranti १९४२ में काशी के भदैनी क्षेत्र में गंगा के मनमोहक तट जैन घाट पर स्थित स्याद्वाद महाविद्यालय और उसका छात्रावास आजादी की लड़ाई में अगस्त क्रांति का गढ़ बन चुका था | …

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तीर्थंकर

पर्युषण-दशलक्षण पर प्रवचन दशा और दिशा : paryushan-dashlakshan

Paryushan dashlakshan पर्युषण-दशलक्षण पर प्रवचन दशा और दिशा प्रो.डॉ.अनेकान्त कुमार जैन,नई दिल्ली , ( Youtube – Anekant jain )  जैन धर्म में पर्युषण paryushan-dashlakshan दशलक्षण पर्व में अन्य पूजा पाठ अभिषेक विधान और कार्यक्रमों के अलावा एक अनिवार्य और महत्त्वपूर्ण आयोजन है – प्रवचन । बदलता परिवेश और हमारे पर्व – paryushan-dashlakshan यदि शास्त्र प्रवचन न…

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Election2024 :सुधरे मतदाता , नेता मतदाता से ,राष्ट्र स्वयं सुधरेगा

Election2024 :सुधरे मतदाता , नेता मतदाता से ,राष्ट्र स्वयं सुधरेगा loksabha election 2024 प्रो अनेकांत कुमार जैन Election2024: लोकतंत्र के सच्चे पहरेदार वे नहीं हैं जो जाति और धर्म की तरह किसी एक नेता,पार्टी या विचारधारा से जन्म से ही जुड़ जाते हैं ,उसमें आसक्त हो जाते हैं और इस चक्कर में उसकी हर गलत चीज को…

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Hukumchand Bharill

The meaning of being Dr.Hukumchand Bharill . डॉ०हुकुमचंद भारिल्ल होने के मायने

The meaning of being Dr.Hukumchand Bharill जैन जगत् में डॉ०हुकुमचंद भारिल्ल होने के मायने प्रो.डॉ० अनेकान्त कुमार जैन लगभग पिछले सात दशकों से भी अधिक समय से अपने सिद्धान्तों के साथ स्पष्टवादिता और संतुलित भाषा शैली में मूल जैन तत्त्वज्ञान को आबाल गोपाल तक के दिलोदिमाग में जमाने का नियमित रूप से कार्य कर रहे…

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Jain Populaion :How did the declining population of Jains increase? कैसे बढ़े जैनों की घटती आबादी ?

Jain Populaion :How did the declining population of Jains increase? कैसे बढ़े जैनों की घटती आबादी ? (Written on 2015 and published in various reputed magazines ……………) डॉ. अनेकांत कुमार जैन, नई दिल्ली भारत मेंJain Populaionजैनों की जनसँख्या की विकास दर नगण्य रूप से सामने आ रही है |यह एक महान चिंता का विषय है…

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AADINATH

Kundalpur’s Tirthankar Adinath or Bade Baba: A Reconsideration कुंडलपुर के तीर्थंकर आदिनाथ या बड़े बाबा : एक पुनर्विचार

Kundalpur’s Tirthankar Adinath or Bade Baba: A Reconsideration कुंडलपुर के तीर्थंकर आदिनाथ या बड़े बाबा : एक पुनर्विचार प्रो अनेकान्त कुमार जैन,नई दिल्ली 3/3/22 मैं कभी कभी आचार्य समन्तभद्र के शब्द चयन पर विचार करता हूँ और आनंदित होता हूँ कि वे कितनी दूरदर्शिता से अपने साहित्य में उत्कृष्ट से उत्कृष्ट शब्द चयन पर ध्यान…

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