Jain Yoga : जैन योग के बिना अधूरा है भारतीय योग

विश्व योग दिवस 21 जून पर विशेष – Jain Yoga : जैन योग के बिना अधूरा है भारतीय योग जैन योग के बिना अधूरा है भारतीय योग ✍️ प्रो.अनेकांत कुमार जैन,New Delhi भारत की दार्शनिक और धार्मिक सांस्कृतिक परंपरा का मूल लक्ष्य है – दुःख से मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति । इसीलिए लगभग सभी…

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jain muni

सम्यग्दृष्टि की निर्भयता Fearlessness of Samyagdrishti in the Samayasara

Samayasara: Fearlessness of Samyagdrishti in the Samayasara  सम्यग्दृष्टि की निर्भयता प्रो. अनेकांत कुमार जैन ,नई दिल्ली Samayasara Samayasara सम्यग्दृष्टि निर्भय होता है या इसे इस प्रकार भी कह सकते हैं कि जो निर्भय होता है वही सम्यग्दृष्टि होता है । Samayasara ज्ञानी को यह दृढ श्रद्धा होती है कि प्रत्येक द्रव्य स्वतंत्र है ,कोई द्रव्य किसी…

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KARMA

The principle of karma in Jain philosophy.जैन दर्शन का कर्म सिद्धांत  

डॉ.हुकुमचंद भारिल्ल निबंध प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त निबंध The principle of karma in Jain philosophy.जैन दर्शन का कर्म सिद्धांत       Prof Anekant Kumar Jain अनेकांत कुमार जैन karma : जैन धर्म ने मनुष्य के सुख तथा दुःख के कारणों की खोज की और पाया कि मनुष्य अपने सुख और दुःख का कारण…

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What is the nature of Lord Mahavir’s God ?कैसा है भगवान् महावीर का भगवान् ?

What is the nature of Lord Mahavir’s God ? कैसा है भगवान् महावीर का भगवान् ? प्रो.डॉ अनेकांत कुमार जैन,नई दिल्ली Lord Mahavir’s God महावीर का ईश्वर ईसा पूर्व छठी शती में भारत के वैशाली गणराज्य के कुण्डग्राम में एक ऐसे राजकुमार ने जन्म लिया जो राज्य के शासन में तो जनतंत्र की शुरुआत कर…

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Tirthankara Mahavir

The influence of Lord Mahavir on the religion of Islam तीर्थंकर भगवान् महावीर का इस्लाम धर्म पर प्रभाव

The influence of Lord Mahavir on the religion of Islam भगवान् महावीर का इस्लाम धर्म पर प्रभाव प्रो अनेकांत कुमार जैन,नई दिल्ली तीर्थंकर भगवान् महावीर का सिद्धांत मूलतः अहिंसा, शाकाहार, समन्वय और सदाचार का हिमायती रहा है, उसकी कोशिश रही है कि सभी जीव सुख से रहें, जिओ और जीने दो- जैनधर्म का मूलमंत्र है। जैनधर्म ने…

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 CELIBACY

CELIBACY OF HOUSEHOLDERS : CHALANGES  AND SOLUTIONS

 CELIBACY OF HOUSEHOLDERS : CHALANGES   AND SOLUTIONS                             गृहस्थ ब्रह्मचर्य CELIBACY : वर्तमान चुनौतियाँ और समाधान          (ब्रह्मचर्य अणुव्रत अतिचार के सन्दर्भ में )                                   …

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Tirthankara Mahavir

Tirthankara Mahavir : The influence of Lord Mahavir, the Jain Tirthankara, on India. तीर्थंकर महावीर का भारत पर प्रभाव

Tirthankara Mahavir : The influence of Lord Mahavir, the Jain Tirthankara, on India. तीर्थंकर महावीर का भारत पर प्रभाव प्रो.अनेकान्त कुमार जैन , आचार्य- जैनदर्शन विभाग, श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली https://youtube.com/@anekantkumarjain भगवान महावीर Tirthankara Mahavir ने ईसा की छठी शताब्दी पूर्व से ही प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव की परम्परा को अक्षुण्ण…

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Tirthankar Rishabhdev

The primordial deity of Indian culture: Tirthankar Rishabhdev.भारतीय संस्कृति के आदिदेव : तीर्थंकर ऋषभदेव

The primordial deity of Indian culture: Tirthankar Rishabhdev. भारतीय संस्कृति के आदिदेव : तीर्थंकर ऋषभदेव Tirthankar Rishabhdev प्रो. अनेकान्त कुमार जैन,नई दिल्ली                    मनुष्य के अस्तित्व के लिए रोटी, कपडा, मकान जैसे पदार्थ आवश्यक हैं, किंतु उसकी आंतरिक सम्पन्नता केवल इतने से ही नहीं हो जाती। उसमें अहिंसा, सत्य, संयम, समता, साधना और तप के…

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jain ghat

five vows : In religious places, it is mandatory to observe atomic five vows.धार्मिक स्थानों में अनिवार्य है पांच अणुव्रतों का पालन

five vows : In religious places, it is mandatory to observe atomic five vows धार्मिक स्थानों में अनिवार्य है अणुव्रतों का पालन   प्रो.डॉ.अनेकांत कुमार जैन ,नई दिल्ली Prof Anekant Kumar Jain अन्यक्षेत्रे कृतं पापं पुण्यक्षेत्रे विनश्यति ।     पुण्यक्षेत्रे कृतं पापं  वज्रलेपो भविष्यति || अन्य क्षेत्र में किया हुआ पाप पुण्य क्षेत्र में…

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वर्तमान में बढ़ते मंदिर और मूर्तियों का औचित्य – अनेकांत कुमार जैन

वर्तमान में बढ़ते मंदिर और मूर्तियों का औचित्य                                                                      प्रो अनेकांत कुमार जैन ,नई दिल्ली जैन परंपरा में मंदिर और मूर्ति निर्माण का इतिहास बहुत पुराना है | खारवेल के हाथी गुम्फा अभिलेख में कलिंग जिन की मूर्ति वापस लाने का उल्लेख है | वर्तमान में सबसे प्राचीन जैन मूर्ति पटना के लोहनीपुर स्थान से प्राप्त…

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