Varanasi history in hindi:

Varanasi history in hindi:वाराणसी की प्राचीन जैन संस्कृति एवं परम्परा

वाराणसी की प्राचीन जैन संस्कृति एवं परम्परा प्रो. फूलचन्द जैन प्रेमी, वाराणसी (राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित) Varanasi history in hindi: श्रमणधारा भारत में अत्यंत प्राचीन काल से प्रवहमान है । पुरातत्त्व, भाषा एवं साहित्य के क्षेत्रों में अन्वेषणों से यह स्पष्ट है कि  अपने देश में प्राक् वैदिक काल में जो संस्कृति थी, वह श्रमण या आर्हत्-संस्कृति…

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India vs Bharat

India vs Bharat: The Reality Behind the Name ‘Bharat Varsha’- ‘भारतवर्ष’ के नामकरण की वास्तविकता

india vs bharat :The Reality Behind the Name ‘Bharat Varsha’ भारतवर्ष के नामकरण की वास्तविकता –   प्रो.डॉ. अनेकान्त कुमार जैन(राष्ट्रपति सम्मानित )[1] india vs bharat :हमारी मान्यता बन चुकी है कि हमारी दृष्टि वैसी नहीं होनी चाहिए जैसा कि ‘सत्य’ है; बल्कि सत्य ही वैसा होना चाहिए जैसी कि दृष्टि है। आश्चर्य होता है कि…

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Election2024 :सुधरे मतदाता , नेता मतदाता से ,राष्ट्र स्वयं सुधरेगा

Election2024 :सुधरे मतदाता , नेता मतदाता से ,राष्ट्र स्वयं सुधरेगा loksabha election 2024 प्रो अनेकांत कुमार जैन Election2024: लोकतंत्र के सच्चे पहरेदार वे नहीं हैं जो जाति और धर्म की तरह किसी एक नेता,पार्टी या विचारधारा से जन्म से ही जुड़ जाते हैं ,उसमें आसक्त हो जाते हैं और इस चक्कर में उसकी हर गलत चीज को…

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Jain Populaion :How did the declining population of Jains increase? कैसे बढ़े जैनों की घटती आबादी ?

Jain Populaion :How did the declining population of Jains increase? कैसे बढ़े जैनों की घटती आबादी ? (Written on 2015 and published in various reputed magazines ……………) डॉ. अनेकांत कुमार जैन, नई दिल्ली भारत मेंJain Populaionजैनों की जनसँख्या की विकास दर नगण्य रूप से सामने आ रही है |यह एक महान चिंता का विषय है…

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My Autobiography- Lord Mahavir मेरी आत्मकथा – तीर्थंकर  भगवान् महावीर    

“My Autobiography” – Lord Mahavir मेरी आत्मकथा  – तीर्थंकर  भगवान् महावीर       अनेक लोगों ने मेरे जीवन के बारे में बहुत कुछ लिखा है ,वो सब मेरे ज्ञान का विषय बनता रहता है ,अपने बारे में कुछ न कहो तो जो अन्यान्य लेखक लिखते हैं उसे ही मानकर चलना पड़ता है । इसलिए मैं…

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history of ayodhya

Unknown History of Ayodhya City: प्राचीन अयोध्या का अज्ञात इतिहास 

प्राचीन अयोध्या का अज्ञात इतिहास ‘अयोध्या एक सनातन शाश्वत भूमि है ,न कभी उसकी उत्पत्ति हुई है और न ही कभी उसका नाश होता है’- यह एक प्राचीन मान्यता है,जिसके बारे में लगभग यही बातें हम अपनी दादी नानी के मुख से सुनते आ रहे हैं |हम तो वर्तमान सन्दर्भ में भी बस इस्तना ही…

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Hukumchand Bharill

The meaning of being Dr.Hukumchand Bharill . डॉ०हुकुमचंद भारिल्ल होने के मायने

The meaning of being Dr.Hukumchand Bharill जैन जगत् में डॉ०हुकुमचंद भारिल्ल होने के मायने प्रो.डॉ० अनेकान्त कुमार जैन लगभग पिछले सात दशकों से भी अधिक समय से अपने सिद्धान्तों के साथ स्पष्टवादिता और संतुलित भाषा शैली में मूल जैन तत्त्वज्ञान को आबाल गोपाल तक के दिलोदिमाग में जमाने का नियमित रूप से कार्य कर रहे…

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Namokar Mantra

Namokar mantra: णमोकार मन्त्र साधना का प्रत्यक्ष अनुभव (Live Experience of Namokar Mantra Sadhana)

         Live Experience of 108 Namokar Mantra Sadhana  Namokar mantra:  णमोकार मन्त्र साधना का प्रत्यक्ष अनुभव ✍️प्रो.डॉ अनेकान्त कुमार जैन,नई दिल्ली बहुत धैर्य पूर्वक भी पढ़ा जाय तो कुल 15 मिनट लगते हैं108 बार भावपूर्वक णमोकार मंत्र namokar mantra का जाप करने में ,किन्तु हम वो हैं जो घंटों न्यूज चैनल देखते…

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bhagwan mahavira

तीर्थंकर भगवान् महावीर की वर्तमान दिगंबर जैन आचार्य परंपरा – Teerthanker Bhagwan Mahavira

The Present Digambar Jain Acharya tradition of Teerthanker Bhagwan Mahavira तीर्थंकर भगवान् महावीर की वर्तमान दिगंबर जैन आचार्य परंपरा                                               प्रो अनेकांत कुमार जैन,नई दिल्ली वर्तमान में दिगंबर जैन साधना पद्धति अक्षुण्ण रूप से विद्यमान है |ये बीसवीं एवं इक्कीसवीं सदी में साधना की  उत्कृष्ट तपस्या पद्धति है | वर्तमान में जो भी दिगंबर साधु भगवंत हमें दर्शन दे…

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AADINATH

Kundalpur’s Tirthankar Adinath or Bade Baba: A Reconsideration कुंडलपुर के तीर्थंकर आदिनाथ या बड़े बाबा : एक पुनर्विचार

Kundalpur’s Tirthankar Adinath or Bade Baba: A Reconsideration कुंडलपुर के तीर्थंकर आदिनाथ या बड़े बाबा : एक पुनर्विचार प्रो अनेकान्त कुमार जैन,नई दिल्ली 3/3/22 मैं कभी कभी आचार्य समन्तभद्र के शब्द चयन पर विचार करता हूँ और आनंदित होता हूँ कि वे कितनी दूरदर्शिता से अपने साहित्य में उत्कृष्ट से उत्कृष्ट शब्द चयन पर ध्यान…

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