PAGADA BHASA (The First News paper in Prakrit Language) First
Introductory
Volume
प्राकृत भाषा का प्रथम समाचार पत्र ,पंजीयन से पूर्व का प्रवेश अंक – संपादक – डॉ.अनेकांत कुमार जैन
*पागद भासा* प्राकृत भाषा में अब तक का पहला प्रयास है । यह भारत सरकार के समाचारपत्र पंजीयन कार्यालय में प्राकृत भाषा के प्रथम समाचार पत्र के रूप में पंजीकृत हुआ है ।
अभी तक इस भाषा में कभी कोई पत्रिका का प्रकाशन नहीं हुआ था ।
इस प्राचीन भाषा को इस तरीके से बचाने का
यह प्रथम एवं अनूठा प्रयास किया है नई दिल्ली स्थित श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय में जैन दर्शन विभाग के आचार्य प्रो अनेकान्त कुमार जैन ने ,जो इसके संस्थापक संपादक हैं ।
मीडिया के क्षेत्र में भारत की प्राचीन भाषा प्राकृत का प्रयोग ,उसमें समाचार लेखन अब तक सबसे पहली घटना है । यही कारण है कि विद्वानों के बीच प्राकृत के विभिन्न भेदों में अब मीडिया प्राकृत की भी चर्चा होने लगी है ।
इस पत्रिका का पहला अंक 13 अप्रैल 2014 में महावीर जयंती के दिन कुन्दकुन्द भारती ,नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में पूज्य आचार्य श्री विद्यानंद जी मुनिराज एवं आचार्य वर्धमान सागर जी महाराज के कर कमलों से विमोचित हुआ था ।
२०१५ में भारत सरकार के समाचार पत्र पंजीयन कार्यालय में इसका पंजीयन हुआ और इसे टाइटल कोड जारी हुआ -DELPRA00001 /29/12014-TC,फिर इसका प्रथम वर्ष का प्रथम अंक जारी हुआ |इन दोनों अंकों को यहाँ नीचे प्रस्तुत किया गया है |
यह छह माह में प्रकाशित होने वाला पत्र जिन फाउंडेशन ,नई दिल्ली से श्रीमती रुचि जैन द्वारा प्रकाशित किया जाता है । यह एक अव्यावसायिक प्रयास है तथा सभी के आपसी सहयोग से प्रकाशित किया जाता है और निःशुल्क वितरित किया जाता है ।
कुछ ही वर्षों में इसकी लोकप्रियता यह बताती है कि आज भी अपनी प्राचीन भाषा और संस्कृति के प्रति लोगों में रुझान है । विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षाओं में ‘प्राकृत भाषा में प्रकाशित होने वाला सर्व प्रथम समाचार पत्र कौन सा है ? ‘ इस तरह के प्रश्न भी आने से इस पत्र की महत्ता का पता स्वयं चल जाता है ।